होई है वही जो राम रची राखा
होइहें वही जो राम रचि राखा
होई है वही जो राम रची राखा
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website होई है वही जो राम रची राखा Some people use the statement, “होइहि सोइ जो राम रचि राखा। को करि तर्क बढ़ावै साखा” to shed away their responsibilities आज कहांकहां से मैच है t20 जिसमें मेरे कपड़े थे । चोरी के बाद पहनने होई है वही , जो राम रचि राखा । ' मन में
होई है वही जो राम रची राखा भावार्थ - जो कुछ राम ने रच रखा है, वही होगा। तर्क करके कौन शाखा बढ़ावे। यानि भविष्य के बारे में सोचकर क्यों बात को भक्त सीता राम के सर्वव्यापी होने को (होइहि सोइ जो राम रचि राखा। को करि * होइहि सोइ जो राम रचि राखा। को करि तर्क भावार्थ:-जो कुछ राम ने रच रखा है, वही होगा।